ऐसा माना जाता है कि गिरगिट ही गिरगिट ही अपना रंग बदल सकता है पर दुनिया में मछली की एक ऐसी प्रजाति है जो अपना रंग बदलने में माहिर है। एक दुर्लभ प्रजाति की मछली है जो हाल ही में भारतीय जल क्षेत्र में पाई गई है। इस दुर्लभ मछली को भारत में पहली बार सेंट्रल मरीन फिशरीज़ इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने मन्नार की खाड़ी में खोज निकाला है।

इस दुर्लभ मछली का नाम स्कॉर्पियनफिश है। उसका वैज्ञानिक नाम स्कॉर्पिनोस्पीशीज नेगलेक्टा है।
क्यों बदलती है अपना रंग

स्कॉर्पियनफिश शिकार के लिए या खतरे के समय शिकारी से छिपने के लिए समुद्र तल में अपना रंग वातावरण के हिसाब से बदलती है। खत्री की स्थिति में यह जहर उड़ेलती है। इसके शरीर का सारा शहर इसकी रीड की हड्डी में होता है। इस मछली का जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है जो अगर इंसान के शरीर में चला जाए तो भयानक दर्द देता है, अगर उचित इलाज ना मिले तो मौत भी हो सकती है।