भारतीय सेना लगातार चीन की हिमाकत का कड़ा जवाब दे रही है। चीन से लड़ने के लिए भारत सरकार न केवल युद्ध सामग्रियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, बल्कि अब लद्दाख के सुदूर सीमावर्ती गांवों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए संचार माध्यमों को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा हुआ है। लद्दाख के सीमावर्ती गांवों में संचार सुविधा को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने नई योजना तैयार की है जिसके तहत 134 डिजिटल सेटेलाइट फोन टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे।

पूरे जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 336.89 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें से 57.4 करोड़ रुपए की लागत से लद्दाख में संचार सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा। इसका लाभ कश्मीर के गांव को भी मिलेगा। लद्दाख के गलवान घाटी, दौलत बेग ओल्डी, चुशूल और हॉट स्प्रिंग जैसे महत्वपूर्ण सीमावर्ती इलाकों में सेटेलाइट फोन कनेक्टिविटी मिल पाएगी। सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इन सीमावर्ती इलाकों में काफी लंबे समय से संचार माध्यमों को बेहतर करने की मांग की जा रही थी।

लद्दाख के एग्जीक्यूटिव काउंसलर कुनचोक स्टांजी ने कहा कि चीन ने अपनी सीमा में फोन नेटवर्क का विस्तार किया है। उनके यहां नेटवर्क की स्थिति अच्छी है। भारत ने भी इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति की वजह से एक गांव में एक मोबाइल टावर की आवश्यकता पढ़ती है। इस लिहाज से यहां और मोबाइल टावर की जरूरत है। यहां बॉर्डर से सटे कई गांव में अभी भी नेटवर्क की समस्या है।उम्मीद की जा रही है कि नए मोबाइल नेटवर्क टावर से यहां के लोगों की समस्याएं दूर होंगी।