कोरोना वायरस का कहर मात्र मानव के स्वास्थ्य के लिए ही हानिकारक नहीं है बल्कि इसका असर शेयर बाजार पर भी पढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। बाजार में आई गिरावट के कारण म्यूचुअल फंड निवेशक भी घबराए हुए हैं. बता दें कि निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या म्यूचुअल फंड में (SIP) निवेश को बंद कर देना चाहिए. वही इस दौरान निवेशक सबसे ज्यादा इस बात से डरे हैं कि आगे अगर और बाजार और गिरा तो फिर उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है।
गौरतलब है कि इस समय जब निवेशक अपने म्यूचुअल फंड (SIP) पोर्टफोलियो को देखते हैं तो उन्हें केवल नुकसान ही दिखाई देता है. ज्यादातर म्यूचुअल फंड स्कीमों पर नजर डालें तो पिछले 5 साल के दौरान अंडर परफॉर्म यानी अनुमान से कम रिटर्न दिया है. कोरोना की वजह से रफ्तार और धीमी पड़ गई है.

एक्सपर्ट्स की मानें तो यही वो वक्त है जब म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो देखकर घबराना नहीं चाहिए. इंडिया टुडे हिंदी के एडिटर अंशुमान तिवारी ने बताया कि यह वो वक्त है जब आप बेहतर फंड में SIP शुरू भी कर सकते हैं. क्योंकि जैसे ही शेयर बाजार में तेजी आएगी, म्यूचुअल फंड निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा.
अंशुमान तिवारी के मुताबिक जनवरी 2020 में शेयर बाजार अपने उच्चतम स्तर पर था, लेकिन मौजूदा समय में कोरोना से गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में लंबी अवधि के निवेशकों को तो बिल्कुल नहीं घबराना चाहिए, उन्हें बस जिस लक्ष्य के लिए निवेश शुरू किया है उसे ध्यान में रखते हुए SIP जारी रखनी चाहिए.
साथ ही आपको बताते चलें कि यही नहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक यह वो वक्त है जब सही म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लॉन्ग टर्म का निवेश शुरू भी किया जा सकता है. इसके बड़े फायदे हैं. क्योंकि जब शेयर की कीमत कम रहती है तो म्यूचुअल फंड में निवेश पर ग्राहकों को ज्यादा यूनिट मिलते हैं.