5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हम राज्य सरकार और आयोजकों से उम्मीद करते हैं कि वे सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना की रोकथाम के लिए बनाए गए सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
दिल्ली के पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पिटीशन भेजी थी। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई की और खारिज कर दिया। इस याचिका में कहा गया था कि राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाला भूमि पूजन कोविड-19 के अनलॉक- 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन है। ऐसे में इस पर रोक लगनी चाहिए।
Allahabad HC dismisses the petition by a social activist, seeking direction to restrain respondents from 'Bhoomi Pujan' for laying down foundation stone of Ram Mandir at Ayodhya. Petition claimed that respondents invited about 300 people&that may cause social distancing violation
— ANI UP (@ANINewsUP) July 24, 2020
इसके साथ ही जनहित याचिका में यह भी कहा गया था कि भूमि पूजन में लगभग 300 लोग एकत्र होंगे, जो कोविड-19 के नियमों के विपरीत होगा। इससे कोरोना के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा। कोर्ट ने कहा कि यह पूरी याचिका कल्पनाओं पर आधारित है और इसमें कोई तथ्य नहीं है कि कैसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हम आयोजकों और उत्तर प्रदेश की सरकार से उम्मीद करते हैं कि वे सभी नियमों का पालन करेंगे।
बता दें, कि 18 जुलाई को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट की बैठक में भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त की तारीख पर मुहर लगाई गई इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजा गया है जो कि इस भूमि पूजन में शामिल होंगे उसके साथ ही राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े कई नेता और राज्यों के मुख्यमंत्री समेत 200 लोगों के शामिल होने की बात ट्रस्ट कि तरफ से कही गई है।