उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरुवार रात को कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर दबिश बनाने गए पुलिस बल पर घात लगाकर बैठे विकास दुबे के गुर्गों ने फायरिंग की, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस हमले में 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल भी हैं जिन्हें रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

विकास दुबे उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधियों में से एक है जो कि वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे की हत्या में शामिल था और वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। विकास दुबे वर्ष 2004 में केबल व्यवसाई दिनेश दुबे की हत्या में भी आरोपी रह चुका है। वर्ष 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला भी किया है।
विकास दुबे की उत्तर प्रदेश में लगभग सभी राजनीतिक दलों में काफी अच्छी पकड़ है। वर्ष 2002 में मायावती की सरकार के समय विकास दुबे का सिक्का कानपुर के काफी बड़े इलाके में चलता था। गैरकानूनी रूप से जमीन हड़प कर इसमें काफी संपत्ति बनाई और जेल में रहते हुए शिवराजपुर से नगर पंचायत का चुनाव भी जीता। इसने अपनी एक गैंग भी बनाई उस समय विकास दुबे की बसपा के एक कद्दावर नेता से काफी अच्छी जान पहचान थी। वर्तमान में विकास दुबे पर 60 से भी अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

गुरुवार की रात तकरीबन 12:00 बजे बिठूर और कानपुर के चौबेपुर की संयुक्त पुलिस टीम विकास दुबे को पकड़ने उसके गांव बीकरूपहुंची जहां पर पहले से ही घात लगाकर भरो और छतों पर छिपे उसके गुर्गों ने पुलिस बल पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें 8 पुलिस वाले वीरगति को प्राप्त हुए। चाल घायल पुलिसकर्मियों का इलाज अभी चल रहा है। वहीं इस घटना पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पुलिस वालों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्यवाही के आदेश दिए हैं।